१८ फेब्रुअरी २०१८ – मै एक लड़का हूँ। मेरे मम्मी, पापा का नाम स्वाति और गजेंद्र है। मेरे पापा के पापा एक पुलिस ऑफिसर थे। उनका नाम था सखारामजी राउत और मेरे पापा के मम्मी का नाम निर्मला है। मेरे पापा के पापा सखारामजी राउत अब इस दुनिया में नहीं है।
पर चिंता की कोई बात नहीं है क्योकि जब वह हमारी इस दुनिया से स्वर्ग में चले गए तभी उनकी आत्मा एक नए शरीर में और एक माँ के पेट में चली गई।
उनके शरीर पर कुछ नहीं हुआ था तो उन्हें एक चिता पर जलाया क्यों ? गजानन महाराज के शरीर को कुछ नहीं हुआ था तो लोगों ने उन्हें एक समाधि क्यों दी? तो मेरे पापा के पापा के शरीर को कुछ नहीं हुआ था तो उन्हें जलाया क्यों? मेरे दिमाग का यह सवाल आज तक का सबसे मुश्किल सवाल है। मेरे दादाजी मरे तो उनकी तेरहवीं क्यों की और तेरहवीं का मतलब भी नहीं पता। मुझे यह भी आज तक का इतना मुश्किल सवाल लगा।






