राजा सुदीर की साहस कथा (Part 3 of 9) 

महाराज सूर्यकान्त जी से मदत की याचना 

यह कहानी का तीसरा भाग है। इस कहानी को मैंने 9 भागों में बाँटा  है। मुझे इन 9 शब्दों (राजा, शैतान, सेना, प्रजा, हाथी, घोडा, भाला, झंडा, लड़ाई) से  कहानी बनाने का  टास्क मिला था । जिस  कहानी को  मुझे दो पन्नों में लिखना था वह 2 , 3 , 4 , 5 . . . .   करते करते रजिस्टर के 30 पन्नों की बन गयी।  यह 30 पन्ने अचानक नहीं लिखे गये क्योंकि कई बार बिच बिच  में मैंने इस कहानी को लिखना छोड़ दिया था , फिर वह गैप कभी कभी एक दो महीनों की भी हो जाती थी ।  मै  लिखता गया , लिखता गया , लिखता ही गया ……..   और इसी लिखने के सफ़र में एक साल कैसे निकल गया मुझे पता ही नहीं चला।  ऐसे करते करते आख़िरकार इस कहानी को मैंने अंतिम मुक़ाम तक पहुंचा ही दिया। इस कहानी के चित्र मैंने और मेरी मम्मी ने बनाये , जिसे करीबन दो महीने लगे थे। आशा करता हूँ की आप इस कहानी के सारे भाग पढ़ेंगे और इसका लुफ़्त भी उठाएंगे। आपके सुझाव मुझे भविष्य में और बेहतर लिखने के लिए प्रेरणा देंगे।

आरव राउत 
राजा सुदीर की साहस कथा (Part 1 of 9)
राजा सुदीर की साहस कथा (Part 2 of 9)

जासूस आगे कहता है की जादूगर अकरम की यह बात सुनकर वो दोनों जादुई सैनिक भड़क जाते है और फिर से जादूगर अकरम को मारना शुरू कर देते है। जादूगर अकरम को मरने के डर से मजबूरन ये भी बताना पड़ा की उसने राजा सुदीर को ये जादू बता दिया है। यह बात सुनकर वो दोनो जादुई सैनिक जादूगर अकरम को उग्रदेश की सिमा पर ही छोड़ कर ये ख़बर उग्रराज को बताने दौड़े और इस तरह उग्रराज को यह बात पता चली है। जासूस ये भी कहता है की उस जादूगर अकरम ने अपना काम अच्छे से कर लिया है अब आपकी बारी है। यह कहकर जासूस अपने जासूसी के काम पे निकल जाता है । 

जादूगर अकरम

राजा सुदीर ने सोचा की अब काम बहुत जल्दी करना पड़ेगा, अब मेरा राज्य बचाने  के लिए बस एक महीना ही है। उसके चंद ही मिनिटों के बाद एक सन्देश वाहक आया और उसने वह सारी जानकारी बता दी जो राजा सुदीर को चाहिए थी। उसने कहा की उग्रराज पांच दिनों के बाद अपने राज्य में अपनी प्रजा को देखने आएगा और उसके साथ  कुछ जादुई सैनिक भी रहेंगे, और जहा तक अमीर लोगो की बात है वह राज्य में कहीं नहीं घूमते ज्यादातर देर वह अपने घर में,  नहीं तो एक खास जादुई बगीचे में जाते है। वहां पर आम लोग तो बिल्कुल नहीं जा सकते सिवाय अमीर लोगो के क्योकि उसके अंदर जाने का दाम बहुत ज्यादा है और ये दाम सिर्फ अमीर लोग ही दे सकते है। तभी राजा सुदीर ने पूछा की उन अमीर लोगों का पता और बगीचे का पता क्या है? सन्देश वाहक ने कहा की ये बात आपको उग्रदेश में जाकर वहाँ के जासूसों से पता चल जाएगी। फिर राजा सुदीर ने अपने सभी वफादार साथियों को बुलाया और उनसे कहा की हमें पांच दिनों तक अपना काम ख़तम करना पड़ेगा, अगर तब तक नहीं हुआ तो छटे दिन हम अपना काम नहीं कर सकते। फ़ौरन हमारे ससुर सूर्यकान्त जी को एक खत भेजो जिसमे लिखा हो की मुझे आपकी कुछ दिनों के लिए जरुरत है इसलिए आप फ़ौरन मेरे सौम्य देश में आइए।

महाराज सूर्यकान्त जी

राजा सुदीर को और उसके ससुर जी को गुप्त संदेश भिजवाने की कला आती है और वो उसमे माहिर भी है राजा सुदीर ने वो सन्देश एक ऐसे कागज पे लिखा जिसको आग के ऊपर गर्म करने से वो गुप्त संदेश धीरे धीरे दिखने लगता है।   इसलिए राजा सुदीर ने वो लिखा हुआ खत अपने पास मंगवाया और उसपे गुप्त संदेश लिखा और वो महाराज सूर्यकान्त जी को भेज देता है। 

महाराज सूर्यकान्त के पास वो संदेश कुछ ही घंटो में पहुंच गया और उन्हें भली भांति पता है की राजा सुदीर भी गुप्त सन्देश लिखने में माहिर है, इसीलिए वो लिखा हुआ सन्देश पढ़कर उस कागज को गरम करने के लिए भेज देते है। गर्म होने के बाद उन्होंने वो कागज मंगवाया। राजा सुदीर ने उसपे लिखा था की –

महाराज सूर्यकान्त जी मुझे आपकी बहुत जरूरत है क्यों की मेरे राज्य पे खतरा मंडरा रहा है मुझे उग्रदेश के गोटासुर को लेकर उसे पहले जैसा जीन्न बनाना है क्यों की वह किसीको भी ख़तम कर सकता है अगर हमने गोटासुर को जिन्न बना दिया तो मेरे, आपके और हमारे रिश्तेदारो के राज्यो पे कोई खतरा नहीं रहेगा। मैंने आपको इसलिए बुलाया है क्यों की मुझे आप पे सबसे ज्यादा भरोसा है। अगर आप को अपने राज्य की पीढ़ियों तक सुरक्षा चाहिए तो आप ऐसा ही एक गुप्त संदेश मुझे भेजो।

राजा सुदीर

यह पढ़कर महाराज सूर्यकान्त ने राजा सुदीर के ही जैसे एक कागज पर लिखा की –

मैं एक दो दिन तक आ जाऊंगा, तब तक राजा  सुदीर  तुम अपना काम जारी रखो मेरी चिंता मत करो

महाराज सूर्यकान्त

राजा सुदीर के पास ये सन्देश भी जल्दी ही पहुंच गया।  राजा सुदीर ने भी महाराज के जैसे ही किया और उन्हें गुप्त सन्देश दिख गया। राजा सुदीर ने अपने वफादारों को बुलाया और उनको पूछा की जासूसों के पास उग्रदेश में रहने के लिए एक घर है क्या ? लेकिन इसके बारे में किसी को पता नहीं था।  तो राजा सुदीर ने एक व्यक्ति को बुलाया जिसका नाम खब्जूस है, खब्जूस के पास उग्रदेश के जासूसों की सारी खबरें रहती है। खब्जूस से भी राजा सुदीर ने वही सवाल पूछा जो उसने वफादारों को पूछा था, उसने हाँ में जवाब दिया तो फिर राजा सुदीर अपने वफादारों से कहता है की तुम्हे पता ही होगा की किसी भी राज्य का राजा उग्रराज की अनुमति के बगैर उग्रदेश में घुस नहीं सकता और वो मुझे तो बिल्कुल नहीं जाने देगा, मुझे देखते ही मार देगा इसलिए मुझे और तुम्हें उस राज्य में छिपकर जाना होगा।

अगले भाग में पढ़िए – “चकमक चकमक ची ची चू चू, बदल जाए यह मेरा मुँह”

राजा सुदीर की साहस कथा -(Part 2 of 9)

उग्रदेश में जाने की योजना

यह कहानी का दूसरा भाग है। इस कहानी को मैंने 9 भागों में बाँटा  है। मुझे इन 9 शब्दों (राजा, शैतान, सेना, प्रजा, हाथी, घोडा, भाला, झंडा, लड़ाई) से  कहानी बनाने का  टास्क मिला था । जिस  कहानी को  मुझे दो पन्नों में लिखना था वह 2 , 3 , 4 , 5 . . . .   करते करते रजिस्टर के 30 पन्नों की बन गयी।  यह 30 पन्ने अचानक नहीं लिखे गये क्योंकि कई बार बिच बिच  में मैंने इस कहानी को लिखना छोड़ दिया था , फिर वह गैप कभी कभी एक दो महीनों की भी हो जाती थी ।  मै  लिखता गया , लिखता गया , लिखता ही गया ……..   और इसी लिखने के सफ़र में एक साल कैसे निकल गया मुझे पता ही नहीं चला।  ऐसे करते करते आख़िरकार इस कहानी को मैंने अंतिम मुक़ाम तक पहुंचा ही दिया। इस कहानी के चित्र मैंने और मेरी मम्मी ने बनाये , जिसे करीबन दो महीने लगे थे। आशा करता हूँ की आप इस कहानी के सारे भाग पढ़ेंगे और इसका लुफ़्त भी उठाएंगे। आपके सुझाव मुझे भविष्य में और बेहतर लिखने के लिए प्रेरणा देंगे।  

आरव राउत 

अब राजा सुदीर का एक सवाल तो मिट गया की गोटासुर को कैसे छुड़ाए और जिन्न बनाए पर उसको एक और सवाल सता रहा था वह यह था की उग्रदेश की सिमा के अंदर पहुंचे कैसे ? राजा सुदीर फिरसे जादूगर अकरम के पास जाता है और बोलता है कि अकरम तुम  मुझे एक ऐसी चीज दो जो मेरे शरीर के सम्पर्क में आने से मेरा शरीर किसी को ना दिखे लेकिन मै सबको देख सकू।  जादूगर अकरम के पास वो चीज थी जिसका नाम जादुई चादर  था, पर उस जादुई चादर  की एकमात्र कमी थी, वह सिर्फ और सिर्फ उग्रदेश के सामान्य लोगों को नहीं दिखेगी लेकिन वहां के अमीर लोग, उग्रराज और उसके जादुई सैनिकों को धुंधली सी आकृति दिखेगी। जादुई चादर  की कमी जादूगर अकरम ने राजा सुदीर को तुरंत बता दी।  राजा सुदीर के मन में एक ख़याल आया की जादुई लोगों से तो पीछा छूट गया है लेकिन उग्रराज, उसके जादुई सैनिक और उग्रदेश के अमीरो से नहीं ।  इसका हल निकालने के लिए राजा सुदीर सोचते  रहे, सोचते रहे की इसके आगे क्या किया जाए।  वह एक दो दिन तक ऐसा ही करते रहे, ना अच्छे से सोये , ना अच्छे से खाना खाया, इतनी मेहनत के बाद राजा सुदीर के दिमाग में अचानक एक योजना आई।

उन्होंने सब वफादार एवं ताकतवर सैनिकों को कहा की सभी जासूसों को बता दो जो उग्रदेश में है, की वहाँ के सभी अमीर लोगों का रहने का स्थान, घूमने का स्थान पता करो और ये भी पता करो कि उग्रराज और उसके जादुई सैनिक राज्य में कब, किस दिन, किस वक्त आने वाले है। राजा सुदीर ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि यही तीनों लोगों को जादुई चादर  में से एक धुंधली सी आकृति दिखती है।  राजा सुदीर ने कहा जैसे ही आप लोगों को जानकारी मिलती है तुरंत मुझे बता देना।

राजा सुदीर को खबर सुनाते हुए जासूस

एक हफ्ते बाद राजा सुदीर का एक जासूस आया और उसने कहा राजा सुदीर मुझे एक खास ख़बर मिली है और मुझे लगता है की  आपको यह ख़बर अकेले में ही सुननी चाहिए अगर दूसरों ने यह खबर सुन ली तो सब लोग हमारा राज्य छोड़ कर चले जाएंगे। राजा सुदीर ने कहा एकांत – तो सभी दरबार के मंत्री चले जाते है सिवाय जासूस के। फिर जासूस अपनी ख़बर बताना शुरू कर देता है ।  वह कहता है –  महाराज मुझे यह ख़बर उग्रदेश के महल में रहनेवाले  जासूस से पता चली है, उसने कहा की –

“उग्रराज ने खुले दरबार में ये एलान किया की राजा सुदीर हमसे हमारा गोटासुर छीनने वाला है, हमें सतर्क रहना होगा  और अगले एक महीने के  बाद लढ़ाई की तैयारियां शुरू की जाये”।

राजा सुदीर का एक जासूस

राजा सुदीर को झटका सा लगता है , वे पूछते है की उग्रराज को ये कैसे पता चला कि हम उनका गोटासुर चुराने वाले है।  जासूस ने कहा की ये सब जादूगर अकरम ने बताया है। राजा सुदीर ने पूछा की वो ये सब कैसे बता सकता है ? वह तो नेक इंसान है।

उग्रराज

जासूस ने कहा की उसे कुछ जादुई सैनिको ने पकड़कर बेरहमी से मारा, इस मार को सह नहीं सका इसलिए उसे बताना ही पड़ा।  राजा सुदीर ने पूछा की कहाँ पर मारा उसे? जासूस बोलता है कि जादूगर अकरम उग्रदेश की सीमा पर घूमने गया था तभी उसके सामने दो जादुई सैनिक आए और पूछा की तुम कौन हो ? जादूगर अकरम ने कहा मेे  राजा सुदीर के राज्य में रहने वाला एक रहिवासी हूँ और मै एक जादूगर भी हूँ। उन दो जादुई सैनिको ने कहा की तुम उस छोटे से राज्य में क्यों रहते हो हमारे राज्य में रहो और हमारे जैसे बन जाओ। जादूगर  अकरम ग़ुस्से में आकर बोला की मै राजा सुदीर का वफ़ादार जादूगर हु और रही तुम्हारे साथ मिल जाने की बात वो तो मै कभी नहीं करूँगा और वैसे भी मै एक अच्छा जादूगर हु तुम जैसा बुरा नहीं। जादूगर अकरम के  बेइज़्ज़ती करनेसे उनको बहुत ग़ुस्सा आया और उन्होंने अपने जादू से एक कमरा बनाया और उन्होंने जादूगर अकरम को अंदर ले जाकर बहुत मारा, बहुत सवाल पूँछे। इसी बिच में उन्होंने ये भी पूछा की तुम्हे कौन से कौन से जादू आते है ? जादूगर सच में सच सच बता रहा था तभी उसका बताना ख़तम हो गया और वो थोड़ी देर रुक गया, उसी वक्त एक सैनिक ने कहा ‘और कौन कौन से जादू आते है’ तो गलती से जादूगर अकरम ने ये जादू भी बता दिया जो उसने आपको बताया था राजा सुदीर, ऐसा जासूस ने कहा।

अगले भाग में पढ़िए – महाराज सूर्यकान्त जी से मदत की याचना 

राजा सुदीर की साहस कथा (Part 1 of 9)

आरव राउत 

एक राजा था जिसका नाम सुदीर था जो सौम्य देश पे राज करता था।  राजा सुदीर अपनी  प्रजा से बहुत प्यार करता था। सौम्य देश की सीमा के पास उग्रदेश नाम का एक जादुई देश था।  वह बहुत खतरनाक और निर्दयी राज्य था जो की उसके नाम से ही पता चलता है। उग्रदेश के पास बहुत बड़ी तादाद में जादुई  हाथी, जादुई  घोड़े और एक कभी न मरने वाला खूंखार राक्षस था जिसका नाम गोटासुर था। वह किसी को भी मार सकता था, वह पूरी दुनिया पर राज कर सकता था लेकिन उसे उग्रदेश के राजा उग्रराज ने अपने जादू से कैद कर रखा था और उसको अपने वश में करना चाहता था। पर गोटासुर पहले से ही ऐसा नहीं था।

राजा सुदीर

उग्रदेश के पड़ोसी  राज्य जिसका नाम मृदुदेश था उनके पूर्वजों ने एक जिन्न  को अच्छे कामो के लिए बनाया था लेकिन तभी उग्रराज ने मृदुदेश पर हमला कर दिया और उस जीन्न को छीन लिया और उसे गोटासुर बना दिया। यह बात राजा सुदीर को पता थी इसलिए वह हर वक्त सतर्क रहता था की कही उग्रदेश सौम्य देश पर हमला न कर दे। राजा सुदीर के पास सेना कम थी लेकिन जांबाज थी फिर भी  उग्रदेश की जादुई सेना के सामने नहीं टिक पाती। जादुई सेना की  पूरी गिनती 5 लाख होगी और राजा सुदीर की उससे 4 लाख कम मतलब 1 लाख।  राजा सुदीर के  महल के नीचे बहुत सारी सुरंगे थी और वह सुरंगो में बहुत सारा गोला बारूद और कई सारे हथियार रखता था।

सौम्य देश की ढाल

वह हथियार बहुत ताकतवर थे  लेकिन जादुई हथियारों के सामने चाय कम पानी थे।  राजा सुदीर को अपने राज्य की बहुत चिंता हो रही थी। राजा सुदीर भगवान पर बिलकुल विश्वास नहीं करते थे तो वो मदत भी मांगे तो किससे ?

गोटासुर

उसने सोचा की उसकी  पत्नी सुर्यांशी  के पिता महाराज सूर्यकांत जी एक बड़े राज्य के राजा है और उनके पास 2 लाख की सेना है इसलिए वह अपने ससुर जी के राज्य में 11 अंगरक्षको के साथ प्रवेश करता है। राजा सुदीर के ससुर जी सूर्यकांत , राजा सुदीर का धूमधाम से स्वागत करते है और  राजा सुदीर को महाराज  अपनी पूरी फौज भी दे देते है।  अब राजा सुदीर  के पास 3 लाख की फौज है लेकिन राजा सुदीर को उग्रदेश को हराने के लिए 6 लाख की फौज चाहिए थी।  राजा सुदीर को पता था की इतनी बड़ी फौज जमा करना उनके बस की बात नहीं है, पर उसको ये पता था की उग्रराज के कैद में बंद  गोटासुर को अच्छा बना सकते है,  वह हमारी मदत कर सकता है।  फिर राजा सुदीर एक अच्छे जादूगर के पास जाता है जिसका नाम जादूगर  अकरम था,  वो भी राजा सुदीर के जैसा ही था।

जादूगर अकरम

भगवान पे बिलकुल विश्वास नहीं करता था, वह अपना जादू सिर्फ अच्छे कामो के लिए इस्तेमाल करता  था। जादूगर अकरम के पास एक खास जादू था, गोटासुर को छुड़ाने का और फिरसे जिन्न बनाने का . . . . .

अगले भाग में पढ़िए – उग्रदेश में जाने की योजना (2 of 9)

सफर की यादें: दिल्ली से महाराष्ट्र तक

मैंने अब तक कई तरह के सफ़र के बारे में लिखा है। सफ़र की यादें मैंने शब्दों में कैद कर दी है। इनमे से मै  कुछ आपके साथ साझा कर रहा हु। 

National Zoological Park, New Delhi

आज मेरा जू जाने का सपना पूरा हो गया पता है। मैं आज तक जू  क्यों नही जा पाया हूँ क्योंकि हर शनिवार को मेरे पापा सोते रहते या कहीं गए होते है या वो करते है या ये करते है पर ज्यादातर सोते ही हैं। मैंने कभी सोचा भी नहीं था की इस जू (zoo) मे इतने बड़े-बड़े एनिमल्स होंगे।  इस जू में पता है वो प्राणी होते है जो कभी हम देख ना सके पुने (पुणे) मे तो शेर नहीं था, राइनोसोरस भी नहीं था और हिप्पो पोटैमस भी नहीं।  पर ये जू मूझे बहूत अच्छा लगा।

Chokhi Dhani, Sonipat, Haryana

फिर हम कोलम्बस नामक एक झूले पे गए।  वहा पे मेरे मम्मी पापा ने टिकिट निकाली उधर पहले ही लोग थे तो हम रुक गए वहा  अनामिका दिदि और वैभव अंकल पहूचे तो उन्होने भी टिकिट निकाली तो फिर वो राइड रुक गयी मूझे  पिछे बैठना था पर अनामिका दिदि के वजह से बिच मे बैठना पड़ा इधर — और पहले से ही सबसे पीछे कोई बैठा था।  फिर राइड शूरू हो गई तब तो मज़ा नही आया था पर उसके बाद मतलब तेज होने के बाद, इतना मज़ा आया कि मैं बता भी नहीं सकता पर अनामिका दिदि को कूछ मज़ा नही आया वो इतनी डरी थी कि वो आँखे बंद करके आगे वाले हैंडल को पकड़ी रही।  बिच वालो को हि इतना डर लग रहा था तो सबसे पिछ वालो को कितना लग रहा होगा। पता है जब एक साइड ऊपर जाती है तब वो चिल्लाती है जब दूसरी जाती है तब वो चिल्लाती है।   फिर ये झूला रुकने लगा फिर हम उतर गए उसके बाद हम आगे गए। 

Akshardham Temple, New Delhi

मंदिर के अंदर जाने के पहले मैंने और मेरी मम्मी ने वाटर शो की टिकिट निकाल ली थी। मंदिर के बाद हम मयूर गार्डन में गए। वहाँ पर मैंने बहुत सारे नेशनल लीडर के पुतले देखे जैसे की झाँसी की रानी, महात्मा गांधी, लोकमान्य तिलक, जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस थे और दूसरे भी लीडर थे जिनका मुझे अभी याद नहीं। मुझे वहा पर डॉ बाबासाहेब आंबेडकर का पुतला नहीं दिखा, पता नहीं मुझे कि अक्षरधाम में उनका पुतला क्यों नहीं रखा? लेकिन मुझे यह पता है की वो भी एक नेशनल लीडर हैं।

Shimala Tour, Uttarakhand

मुझे पता नहीं था की शिमला के पहाड़ इतने बड़े होंगे और वहा पर बहुत सारे बन्दर थे। हम घर के अंदर गए वह घर बहुत बड़ा था। मैंने ऐसा घर पहली बार देखा की जहाँ पर बास्केट बॉल का कोर्ट बिलकुल घर के सामने ही हो। वहां पर दो बास्केट बॉल थे पर वो भी फुस, पर खेलने लायक थे , मैं उसके साथ खेलने लगा , अब मै थक चूका था इसलिए मैं थोड़ी देर बाद घर के अंदर आ गया। मैं घर की चीजे देख ही रहा था कि तभी मुझे एक खिलौना दिखा जिसमे साबुन का पानी डालकर फूंक मारने से बुलबुले निकलते है तब मैं उसी से खेलने लगा और घर के अंदर बुलबुले फ़ैलाने लगा। खेलते-खेलते मै बाहर गया और तभी मेरे हाथ से खिलौना गिर गया। फिर मैंने उसे मेरे जूते से फैला दिया ताकि किसी को इसकी भनक ना लगे। फिर मेरा मन उस खिलौने से भर गया और मैंने बास्केटबॉल खेलना शुरू कर दिया।

Educational Tour at Fun and Food Park, Nagpur. Maharashtra

मी तिथल्या झाडा झुडुपांना पाहतच होतो कि पाठीमागून एका वाघाची गर्जना ऐकू आली, आणि समोरून एक नकली वाघ चालत -चालत समोर गेला.  काही वटवाघूळ आवाज करत करत गेले.  समोर एक एवढा भयानक चेहरा होता, त्येच्यावर  काही उजेड नव्हता, जेव्हा गाडीचा डब्बा तिथे आला तेव्हाच  त्याच्यावर पांढरा लाईट पडला पण मी काही त्याने घाबरलो नाही. बरं झालं की ते “भुतिया  रात” संपलं,  जर एक तास ते असतं तर मी रडलोच असतो ! ! !

Jungle Safari at Shahnur Dhargad, Maharashtra

मला सकाळी  ४.३० वाजता आईने उठवलं आणि मला बाथरूम मध्ये तोंड धुऊन दिले.  मी लगेच माझा शूज घातला आणि बॅग पॅक केली. शूज घातल्यावर मी सगळ्यांसोबत कॅन्टीन वर गेलो. तिथे मी सोडून सगळे जण चहा पिले. तिथे ते गाईड बोलत होते कि आपण आताच सफारीला जाऊया पण आम्हाला वाटलं कि अंधारात प्राणी नाही दिसत. म्हणून आम्ही (सुरज के पहिली किरण के साथ) निघायचं ठरवलं.  काही वेळानंतर आम्ही बाहेर गेलो.  मी पहिल्याच जिप्सी मध्ये बसलो.

Ruskin, The Future Man

A scene from the 2070s.  At that time it’s normal to travel in a time machine. Ruskin, a man who is from a middle class family is having a job in the 2080s.  At one fine  morning, while having his breakfast by mistake, juice spilled on the time machine. He did not get worried because the time machine is waterproof.  He sat in the time machine and started traveling for 2080s.  After a while Ruskin found that his time machine was damaged.

Some time later he got unconscious.  When he got conscious he found himself in an empty field.  Ruskin goes near his time machine and checks it.  Unfortunately it got heavily damaged.  Seeing this Ruskin gets so upset and gets unconscious again. The moment he opened his eyes he found himself in jail.  Ruskin thought that he reached in the past.  He tries to talk with prison guards but guards can’t understand.  Then Ruskin take out his advanced translator and put in his ears and mouth.  Ruskin tried again to speak with guards and this time they understood Ruskin’s language.  Ruskin said that I am a man from the future.  Guards said how ? Ruskin responded, I can show you all the proof, if I am allowed to go out. If not any way I’ll break jail and kill you all.  The guards think for some time that the prisoner was wearing some weird clothes and he also might be a spy of an enemy country.  But guards released him because he warned that he would kill them all.  Then guards take him to a secret place which no one knows except that guards.  Ruskin started showing proofs.  Ruskin show them flying boots and fly in front of guards. 

Ruskin’s Flying Boots

When guards saw Ruskin flying, guards quickly touched their heads on Ruskin’s leg and said we are sorry we can’t recognize that you are God.  Please come with us.  Then Ruskin go with them flying.  Ruskin asked the guards, Where are we going ? The guards said we are going to the palace.  In the way all people get surprised and shocked because Ruskin is flying.  The palace is on a hill that’s why guards make so much time.  Then they reach the palace.  

The council of ministers get shocked seeing Ruskin flying.  The king, who is a very kind king, gets very shocked and asks, “Who are you ? Then Ruskin said that I am a man from the future.  King said Oh !! King gave an order to give a place to Ruskin for living in the palace.  The military general of the king is so bad because he is a spy of an enemy country.  Some days went well but one night when Ruskin was wandering outside of his home he saw the military general writing a message.  He gets a doubt on the military general, for clearing the doubt in late night Ruskin goes to the military general’s house and sees the message.  He read that “ I want to kill the king of this country and become a new king, then we can capture this country.  If I die then you will quickly attack this country”.  After reading this message not wasting any time Ruskin goes to the palace and goes to the king’s room, quickly awakens the king and tells all the truth.  Next morning the king held a meeting. 

King said that the military general is a criminal, he is a traitor and he is a spy of an enemy country then which punishment can we give him ? King asked the council of ministers in anger.  All the council of ministers screamed out, to be hanged till death, to be hanged till death !!! Then the executioner hangs the Military General till death.  

council of ministers

Executioner hangs the Military General till death

After the general’s death the king said some words on this moment.  He said that today’s day was full of happiness because today a spy of an enemy got his punishment and Ruskin, who is from the future , became my army’s new general.  Hearing these words people get so happy and start clapping.  King said to Ruskin that I’m glad of you for catching the spy.  After a second a servant comes and gives a big plate to the king.  On that plate there was also a cloth.  King takes that plate and removes the cloth.  Under the cloth there was a sword, the king took that sword and said to Ruskin “ you are my army’s new general that’s why I am giving you a sword.  Understand it like a gift ”.  Some days go better until the enemy king comes to know that his spy got punished and died.  When he got this news he ordered all of his soldiers to prepare for war.  When the spy of Ruskin country comes to know this news that the king of an enemy country is preparing his army for a deadly and dangerous war in the world they quickly send a message to the king.  Getting this message, the king gets frightened and quickly runs toward Ruskin’s home and tells him all.  Ruskin thinks for some time and suddenly he remembered his weird but crazy gadgets which he made in his childhood.  Ruskin tells the king that there is one way to win the battle.  Hearing this, the king got so happy and excited. Tell me which way to win the battle ? Ruskin said I had a habit of making gadgets so some got good and some weird and crazy, some of those gadgets I preserved till now.  Those gadgets help us to win the battle.  The king liked this idea.  Next day both armies were face to face.  Ruskin uses his favorite gadget “The Tornado Maker”.

Tornado
Ruskin’s Tornado Maker

 The king attacked the enemy king.  Battle starts, so many tornadoes come on the battleground and pick the enemy soldiers one by one and kill them.  Some time later tornadoes calm down.  Then Ruskin carried out one of the most dangerous gadgets ever made, “ The Lava Maker”. 

Ruskin’s Lava Maker

Ruskin started his gadget and explained to the soldiers how to store lava in a bucket and spill on the enemy. The soldiers of the enemy country are dying like ants.

War between two kings

The war is near to end, only the enemy king and an uncontrolled elephant remain.  The king ignore that elephant and go to enemy king with a drop of lava and said to enemy king that this is the same tongue from which you declared this war but now this tongue gets burn after saying this he poured lava on his tongue, at that time that uncontrolled elephant tackle the both kings and they both died. 

Uncontrolled elephant

Ruskin watched this incident and returned to the palace. He said to all people that “we got victory but our king died”.  The people of this country got upset but an intelligent man said our king died. I know how you are feeling but don’t worry because there is one capable man who can become a good king. Good means more good than our old king.  Everyone asks who ? The man pointed toward Ruskin, hearing that everyone came in their normal form and accepted Ruskin as their new king.  Next day the council of ministers completed all rituals and Ruskin became a king. 

Ruskin became a king

After this there was no problem with Ruskin and he fully forgot about his future world.  

(21st June 2021. This story is made by using these words – King, Dream, Accident, Time Machine, Sword, Elephant, Victory, Tornado, Hill, Palace)

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