राजा सुदीर की साहस कथा (Part 1 of 9)

आरव राउत 

एक राजा था जिसका नाम सुदीर था जो सौम्य देश पे राज करता था।  राजा सुदीर अपनी  प्रजा से बहुत प्यार करता था। सौम्य देश की सीमा के पास उग्रदेश नाम का एक जादुई देश था।  वह बहुत खतरनाक और निर्दयी राज्य था जो की उसके नाम से ही पता चलता है। उग्रदेश के पास बहुत बड़ी तादाद में जादुई  हाथी, जादुई  घोड़े और एक कभी न मरने वाला खूंखार राक्षस था जिसका नाम गोटासुर था। वह किसी को भी मार सकता था, वह पूरी दुनिया पर राज कर सकता था लेकिन उसे उग्रदेश के राजा उग्रराज ने अपने जादू से कैद कर रखा था और उसको अपने वश में करना चाहता था। पर गोटासुर पहले से ही ऐसा नहीं था।

राजा सुदीर

उग्रदेश के पड़ोसी  राज्य जिसका नाम मृदुदेश था उनके पूर्वजों ने एक जिन्न  को अच्छे कामो के लिए बनाया था लेकिन तभी उग्रराज ने मृदुदेश पर हमला कर दिया और उस जीन्न को छीन लिया और उसे गोटासुर बना दिया। यह बात राजा सुदीर को पता थी इसलिए वह हर वक्त सतर्क रहता था की कही उग्रदेश सौम्य देश पर हमला न कर दे। राजा सुदीर के पास सेना कम थी लेकिन जांबाज थी फिर भी  उग्रदेश की जादुई सेना के सामने नहीं टिक पाती। जादुई सेना की  पूरी गिनती 5 लाख होगी और राजा सुदीर की उससे 4 लाख कम मतलब 1 लाख।  राजा सुदीर के  महल के नीचे बहुत सारी सुरंगे थी और वह सुरंगो में बहुत सारा गोला बारूद और कई सारे हथियार रखता था।

सौम्य देश की ढाल

वह हथियार बहुत ताकतवर थे  लेकिन जादुई हथियारों के सामने चाय कम पानी थे।  राजा सुदीर को अपने राज्य की बहुत चिंता हो रही थी। राजा सुदीर भगवान पर बिलकुल विश्वास नहीं करते थे तो वो मदत भी मांगे तो किससे ?

गोटासुर

उसने सोचा की उसकी  पत्नी सुर्यांशी  के पिता महाराज सूर्यकांत जी एक बड़े राज्य के राजा है और उनके पास 2 लाख की सेना है इसलिए वह अपने ससुर जी के राज्य में 11 अंगरक्षको के साथ प्रवेश करता है। राजा सुदीर के ससुर जी सूर्यकांत , राजा सुदीर का धूमधाम से स्वागत करते है और  राजा सुदीर को महाराज  अपनी पूरी फौज भी दे देते है।  अब राजा सुदीर  के पास 3 लाख की फौज है लेकिन राजा सुदीर को उग्रदेश को हराने के लिए 6 लाख की फौज चाहिए थी।  राजा सुदीर को पता था की इतनी बड़ी फौज जमा करना उनके बस की बात नहीं है, पर उसको ये पता था की उग्रराज के कैद में बंद  गोटासुर को अच्छा बना सकते है,  वह हमारी मदत कर सकता है।  फिर राजा सुदीर एक अच्छे जादूगर के पास जाता है जिसका नाम जादूगर  अकरम था,  वो भी राजा सुदीर के जैसा ही था।

जादूगर अकरम

भगवान पे बिलकुल विश्वास नहीं करता था, वह अपना जादू सिर्फ अच्छे कामो के लिए इस्तेमाल करता  था। जादूगर अकरम के पास एक खास जादू था, गोटासुर को छुड़ाने का और फिरसे जिन्न बनाने का . . . . .

अगले भाग में पढ़िए – उग्रदेश में जाने की योजना (2 of 9)

Published by aaravraut

मैं अमरावती (महाराष्ट्र) से आरव राउत हूं। मै शुरू से ही एक प्रिंट-समृद्ध वातावरण में बड़ा हुआ, यही कारण था कि पढ़ने और लिखने की दिशा में मेरी प्रवृत्ति विकसित हुई। मेरी मातृभाषा मराठी है। हिंदी दूसरी भाषा है, जिसे मैंने दिल्ली में सुनना और अध्ययन करना शुरू किया जब मेरे पिता महाराष्ट्र से दिल्ली स्थानांतरित हो गए, मैं उस समय केवल 6 वर्ष का था। डायरी के ये पृष्ठ इस अर्थ में बहुत खास हैं क्योंकि यह मेरे द्वारा कक्षा 2 से ही लिखें गए है। मैं एजुकेशन मिरर का सबसे छोटा लेखक हूं जो एक ऑनलाइन शिक्षा संगठन है। जब मेरी दो डायरियाँ प्रकाशित हुईं, तो मैं दूसरी कक्षा में पढ़ रहा था। मैं हिंदी, मराठी के साथ ही अंग्रेजी भाषा में भी लिखता हूं। मुझे यात्रा करना, किताबें पढ़ना और नए विचारों पर काम करना पसंद है। घर पर, मुझे हमेशा अपने मन की बात लिखने की आजादी थी, मैं कभी भी उपदेशक बातें लिखने के लिए मजबूर नहीं था। यही कारण था कि मैंने जल्द ही पढ़ना और लिखना सीख लिया। बचपन में, मैंने लेखन की तकनीकी चीजों को समझा। मुझे याद है कि जब मैं कक्षा 1 (संत मैथ्यूज पब्लिक स्कूल, पश्चिम विहार, दिल्ली) में पढ़ रहा था, तब से मैंने लिखना शुरू किया। पहली बार मैंने 5 अप्रैल 2017 को लिखा था और तब से मैंने कई विषयों पर लिखा और मैंने अपने लेखन के सभी पृष्ठों को संजोकर रखा है। मेरे लेखन की यात्रा के दौरान, मुझे कभी भी किसी भी गलती के लिए बाधित नहीं किया गया था, मेरे माता-पिता चाहते थे कि मैं किसी भी व्याकरण में फंसे बिना लिखूं। इसी बात ने मुझे लिखने के लिए प्रोत्साहित किया क्योंकि मुझे पता था कि अगर कुछ गलत हुआ तो माँ / पिता कुछ नहीं कहेंगे। मैं किसी विषय के बारे में बहुत विस्तार के साथ एक पृष्ठ या कई पृष्ठ लिखता हूं।अगर मेरे द्वारा लिखे गए विषयों को देखा जाए, तो बहुत विविधता है।cc

19 thoughts on “राजा सुदीर की साहस कथा (Part 1 of 9)

  1. Loved the first part and loved the drawings also. It’s nice to know that your two pages task has been converted into so many pages. Keep it up Aarav!

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  2. खूप छान लिहिलं आहे आरव. गोष्टीत पुढे काय होणार आहे याची उत्सुकता लागली आहे. लवकरात लवकर दुसरा भाग पाठविणे. गोष्टीत वाक्प्रचारांचा उपयोग छान केला आहे आणि चित्रांकन मस्त👍👍👌.
    Keep it up.

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  3. It is very interesting and well written story….. it creates real scenes while reading …… Well done…… Aarav.

    I am excited and waiting for remained parts of the story…… Keep it up …… 👍👌

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