१८ फेब्रुअरी २०१८ – मै एक लड़का हूँ। मेरे मम्मी, पापा का नाम स्वाति और गजेंद्र है। मेरे पापा के पापा एक पुलिस ऑफिसर थे। उनका नाम था सखारामजी राउत और मेरे पापा के मम्मी का नाम निर्मला है। मेरे पापा के पापा सखारामजी राउत अब इस दुनिया में नहीं है।
पर चिंता की कोई बात नहीं है क्योकि जब वह हमारी इस दुनिया से स्वर्ग में चले गए तभी उनकी आत्मा एक नए शरीर में और एक माँ के पेट में चली गई।
उनके शरीर पर कुछ नहीं हुआ था तो उन्हें एक चिता पर जलाया क्यों ? गजानन महाराज के शरीर को कुछ नहीं हुआ था तो लोगों ने उन्हें एक समाधि क्यों दी? तो मेरे पापा के पापा के शरीर को कुछ नहीं हुआ था तो उन्हें जलाया क्यों? मेरे दिमाग का यह सवाल आज तक का सबसे मुश्किल सवाल है। मेरे दादाजी मरे तो उनकी तेरहवीं क्यों की और तेरहवीं का मतलब भी नहीं पता। मुझे यह भी आज तक का इतना मुश्किल सवाल लगा।
मैं अमरावती (महाराष्ट्र) से आरव राउत हूं। मै शुरू से ही एक प्रिंट-समृद्ध वातावरण में बड़ा हुआ, यही कारण था कि पढ़ने और लिखने की दिशा में मेरी प्रवृत्ति विकसित हुई। मेरी मातृभाषा मराठी है। हिंदी दूसरी भाषा है, जिसे मैंने दिल्ली में सुनना और अध्ययन करना शुरू किया जब मेरे पिता महाराष्ट्र से दिल्ली स्थानांतरित हो गए, मैं उस समय केवल 6 वर्ष का था।
डायरी के ये पृष्ठ इस अर्थ में बहुत खास हैं क्योंकि यह मेरे द्वारा कक्षा 2 से ही लिखें गए है। मैं एजुकेशन मिरर का सबसे छोटा लेखक हूं जो एक ऑनलाइन शिक्षा संगठन है। जब मेरी दो डायरियाँ प्रकाशित हुईं, तो मैं दूसरी कक्षा में पढ़ रहा था। मैं हिंदी, मराठी के साथ ही अंग्रेजी भाषा में भी लिखता हूं। मुझे यात्रा करना, किताबें पढ़ना और नए विचारों पर काम करना पसंद है।
घर पर, मुझे हमेशा अपने मन की बात लिखने की आजादी थी, मैं कभी भी उपदेशक बातें लिखने के लिए मजबूर नहीं था। यही कारण था कि मैंने जल्द ही पढ़ना और लिखना सीख लिया। बचपन में, मैंने लेखन की तकनीकी चीजों को समझा। मुझे याद है कि जब मैं कक्षा 1 (संत मैथ्यूज पब्लिक स्कूल, पश्चिम विहार, दिल्ली) में पढ़ रहा था, तब से मैंने लिखना शुरू किया। पहली बार मैंने 5 अप्रैल 2017 को लिखा था और तब से मैंने कई विषयों पर लिखा और मैंने अपने लेखन के सभी पृष्ठों को संजोकर रखा है। मेरे लेखन की यात्रा के दौरान, मुझे कभी भी किसी भी गलती के लिए बाधित नहीं किया गया था, मेरे माता-पिता चाहते थे कि मैं किसी भी व्याकरण में फंसे बिना लिखूं। इसी बात ने मुझे लिखने के लिए प्रोत्साहित किया क्योंकि मुझे पता था कि अगर कुछ गलत हुआ तो माँ / पिता कुछ नहीं कहेंगे। मैं किसी विषय के बारे में बहुत विस्तार के साथ एक पृष्ठ या कई पृष्ठ लिखता हूं।अगर मेरे द्वारा लिखे गए विषयों को देखा जाए, तो बहुत विविधता है।cc
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जो इंसान इस दुनिया मै आया है वो एक ना एक दिन इस दुनिया से जाता ही है दूसरी दुनिया मै और उन्हे जलाया इस लिए जाता है ताकि वो फिर से आ सके किसी भी मरे हुए इंसान को हम अपने पास ऐसे हमेशा नही रख सकते उसे सब से दूर करना ही होता है ये ही इस संसार का नियम है,,
Nice 👍
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I don’t know answers of your questions
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Good to read a page from your diary
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thank you for reading
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👍Nice article aarav👍
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Well done Aarav👍
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Thank you for comments
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It’s very interesting writing by Aarav,
Its idial TLM for teachers, educators and also students with refarance given by Aarav
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Thanks Avinash kaka for your comments
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Reblogged this on Site Title.
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It’s really amazing Aarav to have such thoughts in your mind. You will definitely get the answers of your all questions. Keep it up!
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Thanks for your comments
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जो इंसान इस दुनिया मै आया है वो एक ना एक दिन इस दुनिया से जाता ही है दूसरी दुनिया मै और उन्हे जलाया इस लिए जाता है ताकि वो फिर से आ सके किसी भी मरे हुए इंसान को हम अपने पास ऐसे हमेशा नही रख सकते उसे सब से दूर करना ही होता है ये ही इस संसार का नियम है,,
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