फिल्मे जो मैंने देखी है

मैं आरव राऊत। यह कविता मैंने चौथी कक्षा में लिखी थी। उस समय मैं फ़िल्में देखकर बहुत खुश होता था और जो देखा, वही अपने शब्दों में लिख दिया। आशा है, इसे पढ़ते हुए आपको भी अपने बचपन की देखि फिल्मे याद आ जायेगी।