जादूगर अकरम ग़ुस्से में आकर बोला की मै राजा सुदीर का वफ़ादार जादूगर हु और रही तुम्हारे साथ मिल जाने की बात वो तो मै कभी नहीं करूँगा और वैसे भी मै एक अच्छा जादूगर हु तुम जैसा बुरा नहीं। जादूगर अकरम के बेइज़्ज़ती करनेसे उनको बहुत ग़ुस्सा आया और उन्होंने अपने जादू से एक कमरा बनाया और उन्होंने जादूगर अकरम को अंदर ले जाकर बहुत मारा, बहुत सवाल पूँछे।