Author Aarav Raut Talks About His Book “Raja Sudir ki Sahas Katha” at World Book Fair 2024 – A Glimpse into the Mind Behind the Words

मुझे इन 9 शब्दों (राजा, शैतान, सेना, प्रजा, हाथी, घोडा, भाला, झंडा, लड़ाई) से कहानी बनाने का टास्क मिला था । जिस कहानी को मुझे दो पन्नों में लिखना था वह 2 , 3 , 4 , 5 . . . . करते करते रजिस्टर के 30 पन्नों की बन गयी। यह 30 पन्ने अचानक नहीं लिखे गये क्योंकि कई बार बिच बिच में मैंने इस कहानी को लिखना छोड़ दिया था , फिर वह गैप कभी कभी एक दो महीनों की भी हो जाती थी । मै लिखता गया , लिखता गया , लिखता ही गया …….. और इसी लिखने के सफ़र में एक साल कैसे निकल गया मुझे पता ही नहीं चला। ऐसे करते करते आख़िरकार इस कहानी को मैंने अंतिम मुक़ाम तक पहुंचा ही दिया।

राजा सुदीर की साहस कथा -(Part 8 of 9)

राजा सुदीर के दिमाग में  एक योजना आती है जिससे उग्रराज का पूरा विश्वास हो जाए की अब राजा सुदीर उग्रराज का गोटासुर नहीं लेने वाला है।  राजा सुदीर ने उनके जैसे दिखने वाले उनके राज्य के सभी लोगों को उनके महल में बुलाने का आदेश देते है।   उनके महल में सिर्फ दोही लोग आए जो जुड़वा भाई थे जिनका नाम किबा और टीबा था।  वो दोनों आते ही राजा सुदीर का एक और आदेश आता है कि मुझे मेरे ही जैसा आवाज निकालने वाला आदमी भी चाहिए।  थोड़ी देर बाद किबा और टीबा को देखने के लिए खुद महरानी सुर्यांशी आती है मतलब राजा सुदीर की पत्नी, वो देखती है की टीबा की शक्ल राजा सुदीर की शक्ल से ज्यादा मिलती जुलती है और किबा की आवाज राजा सुदीर की आवाज से ज्यादा मिलती जुलती है।  तभी राजा सुदीर  का आदेश आता है की टीबा को मेरे शाही कपडे पहनने  का आदेश दो, उसे घोडे पर बिठाकर उग्रदेश की सिमा पर छोड़ दो और उसको सौम्य देश में आने के लिए कह दो।  महल में तुम किबा को राज सिंहासन के पीछे छुपने के लिए कह दो और उसे ये बोलने के लिए कहो की “मेरा सबसे अच्छा दोस्त जादूगर अकरम अब मर गया है और इस वजह से मै गोटासुर को उग्रराज से छीन  नहीं पाया और अपने घर वापस आ गया”।  ये कहने के बाद टीबा को वहासे जाने के लिए कहना।  यह आदेश मिलते ही  रानी सुर्यांशी काम पे लगती है।

राजा सुदीर की साहस कथा -(Part 7 of 9)

उधर उग्रराज मन ही मन खुश होते हुए सोचता है की ये खबर राजा सुदीर को जब पता चलेगी तो वो फुट फुट कर रोएगा और गोटासुर को छुड़ाने का विचार मन से निकाल देगा। क्योकि एक तरह से उसका एक हाथ ही मर गया है। बस एक ही आदमी को इस पड़दे के पीछे की सच्चाई पता थी की जादूगर अभी जिन्दा है वो था उस जासूस का दोस्त।  उसने अच्छाई दिखाते हुए राजा सुदीर को बता दिया की जादूगर अकरम अभी जिन्दा है बस उग्रदेश के जासूस ने उग्रराज से झूठ बोला था।  इस बात से राजा सुदीर के जान में जान आती है।

राजा सुदीर की साहस कथा -(Part 6 of 9)

राजा सुदीर जादुई जाल का पता चलने से बहुत खुश हुए क्यों की यही एक चीज थी जो उग्रराज के महल में जाने से रोक रही थी लेकिन उस ख़ुशी में भी एक गम  था उनको बस जादुई जाल कहा पर है ये पता था, पर ये नहीं पता था की वो जाल कितने खतरनाक थे।   जब राजा सुदीर ने पहली बार उग्रराज के महल का नक्शा देखा तो उसे झटका सा लगा क्योंकि वह जादुई जाल एक नहीं था दो नहीं थे बल्कि कदम कदम पे एक जादुई जाल था जो सिर्फ उग्रराज और उसके सैनिकों पर असर नहीं करता था।

राजा सुदीर की साहस कथा -(Part 5 of 9)

मुझे अभी अभी एक नयी और बेहद काम की खबर मिली है,  आपको तो पता ही होगा की उग्रराज तीन दिन बाद अपनी प्रजा को देखने उग्रदेश के मुख्य शहर में जाने वाला है लेकिन महल के एकदम पास एक घर है जो किसी को नहीं पता सिवाय आपके उन पांचो जादुई सैनिकों के। आपको कोई इस घर के बाहर देख ना सके इसलिए मै सभी अमीर आदमियों को ये बोलता हु की तीन दिन बाद कोई भी अपने घर से बाहर न निकले ।