उचल्या

‘उचल्या’ हे पुस्तक मी जानेवारी २०२५ मध्ये ‘जुठण’ वाचण्याच्या अगोदर वाचले होते. काही मराठी दलित आत्मकथा मी ऑक्टोबर २०२४ मध्येच वाचल्या होत्या जश्या भुरा, कोल्हाट्याचं पोर, बलुतं, पण ‘उचल्या’ या पुस्तकाचे त्या दरम्यान माझ्याकडून वाचन झालं नाही. मी जवाहर नवोदय विद्यालय झज्जर ला असताना तेथील माझे मराठी चे शिक्षक विशाल सरांनी मला हे पुस्तक सुचवलं होतं.

‘जूठन’ (खंड १ – २)

मैंने यह किताब जनवरी २०२५ में पढ़ना शुरू की थी, जिसे मैंने जल्दी ही पढ़कर ख़त्म कर दी। इस दौरान मैं कई सारी किताबें पढ़ रहा था, जो कि दलित आत्मकथाएँ थीं, जो दलित समाज के संघर्ष पर आधारित थीं, जैसे मराठी में उचल्या, कोल्हाट्याचं पोर, मरण स्वस्त होत आहे, बलूतं, जेव्हा मि जात चोरली, और हिंदी दलित साहित्य में यह मेरी पहली किताब थी जो मैंने पढ़ी। मेरे मराठी के शिक्षक ने मुझे इनमें से कई सारी किताबें पढ़ने का सुझाव दिया था।

सफर की यादें: दिल्ली से महाराष्ट्र तक

इस लेख में मैंने मेरे सफ़र की यादों को साझा किया है, जिसमें विभिन्न स्थलों जैसे राष्ट्रीय चिड़ियाघर, चोखी धानी, अक्षरधाम मंदिर, शिमला, फन एंड फूड पार्क, और जंगल सफारी की यात्रा का वर्णन किया है। ये अनुभव न केवल आनंददायक थे, बल्कि नई जानकारियों से भी भरे थे। 

मैप

मै भारत के मैप का एक चक्कर रोज लगाता हूँ। भारत के मैप में कुछ बड़े राज्य है और कुछ छोटे राज्य है। बड़े राज्यो के नाम राजस्थान, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक और छोटे राज्यों के नाम दमन एंड दीव, लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार आइलैंड्स।