ख़ुशी में भी एक गम
यह कहानी का छठवां भाग है। इस कहानी को मैंने 9 भागों में बाँटा है। मुझे इन 9 शब्दों (राजा, शैतान, सेना, प्रजा, हाथी, घोडा, भाला, झंडा, लड़ाई) से कहानी बनाने का टास्क मिला था । जिस कहानी को मुझे दो पन्नों में लिखना था वह 2 , 3 , 4 , 5 . . . . करते करते रजिस्टर के 30 पन्नों की बन गयी। यह 30 पन्ने अचानक नहीं लिखे गये क्योंकि कई बार बिच बिच में मैंने इस कहानी को लिखना छोड़ दिया था , फिर वह गैप कभी कभी एक दो महीनों की भी हो जाती थी । मै लिखता गया , लिखता गया , लिखता ही गया …….. और इसी लिखने के सफ़र में एक साल कैसे निकल गया मुझे पता ही नहीं चला। ऐसे करते करते आख़िरकार इस कहानी को मैंने अंतिम मुक़ाम तक पहुंचा ही दिया। इस कहानी के चित्र मैंने और मेरी मम्मी ने बनाये , जिसे करीबन दो महीने लगे थे। आशा करता हूँ की आप इस कहानी के सारे भाग पढ़ेंगे और इसका लुफ़्त भी उठाएंगे। आपके सुझाव मुझे भविष्य में और बेहतर लिखने के लिए प्रेरणा देंगे।
आरव राउत
तभी राजा सुदीर सैनिकों से कहता है की तेज़ रफ़्तार से गढ्ढा खोदने वाले आदमियों को बुलाओ और उनसे कहो की उग्रराज के कमरे से लेकर उसके महल के बीच तक एक सुरंग खोदे और किसी को भी इस बात की जरा भी भनक ना लगे। राजा सुदीर कहते है की हमारे पास सिर्फ १ दिन ही है। थोड़ी देर बाद रात होती है, सुरंग खोदने वाले आते है, तेज़ रफ़्तार से सुरंग खोदना शुरू करते है।
राजा सुदीर उग्रराज के महल का नक्शा उन पांचों जादुई सैनिकों से हासिल करता है। उस नक़्शे में उग्रराज के महल की सारी जानकारी है की कहा जादुई जाल है, कहा उग्रराज का कमरा है, कहा प्रवेश द्वार है, यह सब उस नक़्शे मे है ।
राजा सुदीर जादुई जाल का पता चलने से बहुत खुश हुए क्यों की यही एक चीज थी जो उग्रराज के महल में जाने से रोक रही थी लेकिन उस ख़ुशी में भी एक गम था उनको बस जादुई जाल कहा पर है ये पता था, पर ये नहीं पता था की वो जाल कितने खतरनाक थे। जब राजा सुदीर ने पहली बार उग्रराज के महल का नक्शा देखा तो उसे झटका सा लगा क्योंकि वह जादुई जाल एक नहीं था दो नहीं थे बल्कि कदम कदम पे एक जादुई जाल था जो सिर्फ उग्रराज और उसके सैनिकों पर असर नहीं करता था।
राजा सुदीर कुछ बोलने ही वाले थे की तभी उसका एक जासूस जादुई सैनिकों के घर के बाहर दौड़ते हुए आता है हालांकि उसे कोई घर नहीं दिख रहा था लेकिन वह धीमी आवाज में राजा सुदीर, राजा सुदीर, अंदर ले लो मुझे आपको एक खास जानकारी बतानी है। राजा सुदीर उस जासूस की आवाज़ सुन लेते है और झट से घर के अंदर ले लेते है और पूछते है की कैसी जानकारी है ? वह जासूस बोलता है की अगर आप गोटासुर के १ मिल की दुरी पर ना रहकर उसके अंदर एक कदम भी आगे बढ़ाया तो गोटासुर को बचाने के लिए उग्रराज गोटासुर के पास प्रकट हो जाएगा वो भी अपने आप। पर इसके लिए उग्रराज को महल के अंदर रहना पड़ेगा। यह बात सुनकर राजा सुदीर ने अब ठान ली की अब हम सब महल में एक दिन के बाद ही जाएंगे। उस जासूस ने एक और बात बताई, उस जमीन पर जो दूर अंतरिक्ष में है वहा पर गोटासुर को संभालने के लिए दुनिया के २० सबसे ताकतवर जादूगर हर वक्त गोटासुर की सुरक्षा के लिए तैनात रहते है, वे उस जमीन पर कही भी छुप सकते है। यह ख़ुफ़िया जानकारी देकर जासूस अपने काम के लिए निकल जाता है।

राजा सुदीर को यह ख़ुफ़िया जानकारी सुनकर थोड़ा झटका लगा क्योंकी वहां पर बहुत ताकतवर जादूगर है। राजा सुदीर ने सोचा क्यों न जादूगर अकरम को उस जमीन पर ले जाए ? लेकिन तभी राजा सुदीर के मन में एक सवाल आता है की अगर वह जादूगर अकरम को उस जमीन पर ले भी जाते है, तो वो उन ताकतवर जादूगरों से कैसे लड़ेगा। इस समस्या का हल निकालने के लिए राजा सुदीर महाराज सूर्यकान्त को बुलाते है और पूछते है की उग्रदेश के पास में कोई जादुई गुरु है क्या ? महाराज सूर्यकान्त कहते है की हाँ। वह गुरु उग्रदेश के पास वाले जंगल में रहते है और उनकी एक खासियत है की वो अपने हर शिष्य को बस एक दिन में ही दुनिया का सबसे ताकतवर जादूगर बना देते है। यह सुनकर राजा सुदीर को बहुत ख़ुशी होती है और वो जादुई सैनिको को यह आदेश देते है की जादूगर अकरम को खबर कर दो की वो अभी इसी वक्त जादुई गुरु के पास चला जाए और उधर से सीधा मेरे पास आए । जादूगर अकरम के पास ये खबर आते ही वह झट से अपना सामान बांध के उग्रदेश के पास वाले घने जंगल में निकल पड़ता है जहाँ पर वह जादुई गुरु रहते है, कुछ समय बाद वहापर पहुंच जाता है। जादूगर अकरम वहा पर जादुई गुरु को ढूंढता है पर उसे जादुई गुरु कहीं नहीं मिलते और वह एकदम से बेहोश हो जाता।

बेहोशी में जादूगर अकरम के पैरो पर कुछ अनजान आदमियों ने एक डिब्बी में से पानी की बुँदे डाली जो एक हार से जुडी हुई थी और वह हार उसके गले में डाल दिया जिसके कारन जादूगर अकरम उड़ने लगता है। जब जादूगर अकरम को होश आता है तब वह खुदको जमीन से एक किलोमीटर ऊपर हवा में उड़ते हुए देखता है, जादूगर अकरम एकदम डर जाता है लेकिन जब थोड़ी देर बाद वह गिरता नहीं तो उसके जान में जान आती है। जादूगर अकरम को वहां पर बहुत सारे जादुई शिष्य दिखते है । वहां पर राजा सुदीर रात के समय में आसमान में वो जमीन ढूंढ रहे थे। वह सोच रहे थे की एक दिन तक हमें तैयार हो जाना चाहिए। जादुई दुनिया में जादूगर अकरम अपने पुरे शरीर का निरीक्षण करता है, देखता है की क्या उसके शरीर पर कोई बदलाव तो नहीं हुआ है। उसे आश्चर्य होता है जब वह खुद के गले पर एक हार बंधा देखता है जिसपर तीन छोटी छोटी डिब्बिया है।

जादूगर अकरम जादुई गुरु को ढूंढने लगता है जब उसे जादुई गुरु दूर से दिख जाते है तो वो तेजी से हवा में उड़कर उनके पास चला जाता है। हवा में उड़ते वक्त वह महसूस करता है की जमीन पर भागने से दस गुना ज्यादा तेज हवा में भाग सकता है। उसे इस बात से बहुत ख़ुशी होती है। जब जादूगर अकरम जादुई गुरु तक पहुंच जाता है तब जादुई गुरु उसे ये कहते है की ये बात कभी मत भूलना की तुम्हारे गले में जो हार है उसे तुम कभी मत निकालना क्योंकि ये हार तुम्हें हर खतरे से बचाता रहेगा और ये डिब्बिया तुम्हारी बहुत मदद करेगी। पहिली डिब्बी पर तुम्हे आसमान का चित्र दिखेगा, जब तुम इस डिब्बी में से एक बून्द अपने पैरो पर डालोगे तो तुम एक किलोमीटर ऊपर उड़ जाओगे, तुम चाहो तो कितने भी बुँदे डाल सकते हो लेकिन तुम उतने किलोमीटर ऊपर उड़ जाओगे। दूसरी डिब्बी में तुम्हे समुद्र का चित्र दिखेगा, अगर तुम्हें समंदर के एक मीटर नीचे जाना है तो तुम इस डिब्बी में से एक बूंद अपने पैरो पर डाल देना, तुम समंदर के एक मीटर नीचे पहुँच जाओगे। तुम जितनी भी बुँदे इस डिब्बी से डालोगे उतने ही मीटर तुम समंदर के नीचे चले जाओगे। तभी जादूगर अकरम जादुई गुरु से पूछता है की अगर मुझे फिरसे जमीन पर खड़ा होना हो तो मै क्या करू? जादुई गुरु कहते है – शिष्य अभी मेरी बात पूरी नहीं हुई है, मै यही बता रहा था की तुम्हें जब भी आसमान से नीचे आना हो या समंदर से ऊपर जाना हो, तो तुम जितने भी किलोमीटर ऊपर हो या समंदर से नीचे हो तुम्हे उतनी ही बुँदे तीसरी डिब्बी से अपने पैरो पर डालना है। हवा में उड़ते उड़ते या समंदर में तैरते तैरते कभी घबराना नहीं क्यों की तुम्हे साँस लेने में कोई तकलीफ नहीं होगी, जादुई गुरु उसे एक जादुई कागज भी देते है जिसमे रोज का टाइम टेबल अपने आप सुबह ६ बजे से दिखना शुरू हो जाता है।
अगले भाग में पढ़िए – जादुई दुनिया में जादूगर अकरम
खुप छान … आरव.👌👌खूप सुंदर कल्पनाशक्ती आहे….. 👍
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The whole writing is very beautiful such as like professional writer. In the story, I found out that the structure and sequence of sentences is very appropriate and the capability of Imagination of Aarav is absolutely super. Very well keep it up.
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Very well keep it up.
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Praiseworthy Writing Aarav! Loved this part too. Keep it up!
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Good to read
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Nice
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