गोटासुर आखिर है कहा ?
यह कहानी का पाँचवा भाग है। इस कहानी को मैंने 9 भागों में बाँटा है। मुझे इन 9 शब्दों (राजा, शैतान, सेना, प्रजा, हाथी, घोडा, भाला, झंडा, लड़ाई) से कहानी बनाने का टास्क मिला था । जिस कहानी को मुझे दो पन्नों में लिखना था वह 2 , 3 , 4 , 5 . . . . करते करते रजिस्टर के 30 पन्नों की बन गयी। यह 30 पन्ने अचानक नहीं लिखे गये क्योंकि कई बार बिच बिच में मैंने इस कहानी को लिखना छोड़ दिया था , फिर वह गैप कभी कभी एक दो महीनों की भी हो जाती थी । मै लिखता गया , लिखता गया , लिखता ही गया …….. और इसी लिखने के सफ़र में एक साल कैसे निकल गया मुझे पता ही नहीं चला। ऐसे करते करते आख़िरकार इस कहानी को मैंने अंतिम मुक़ाम तक पहुंचा ही दिया। इस कहानी के चित्र मैंने और मेरी मम्मी ने बनाये , जिसे करीबन दो महीने लगे थे। आशा करता हूँ की आप इस कहानी के सारे भाग पढ़ेंगे और इसका लुफ़्त भी उठाएंगे। आपके सुझाव मुझे भविष्य में और बेहतर लिखने के लिए प्रेरणा देंगे।
आरव राउत
शुरू में जासूस किसी को पहचान नहीं पाते है लेकिन असली रूप में आने के बाद तुरंत पहचान लेते है। तभी जासूस राजा सुदीर को कहते है की ये जगह आपके लिए सुरक्षित नहीं है इसलिए हम अमजु जिसने आपको बहुत सारी जादुई मुद्राए दी थी और जो उग्रदेश का सबसे अमीर आदमी है उसके पास एक नौकर भिजवाते है, और उससे कहलाते है की राजा सुदीर आपके पास आने वाले है। जब अमजू ने यह बात सुन ली तो उसने अपने घर में कड़ी सुरक्षा रखवा ली। कुछ देर तक अमजु दरवाजे पर खड़े होके राजा सुदीर का इंतजार करने लगता है। उसी वक्त महाराज सूर्यकान्त बूढ़े आदमी के वेष में और राजा सुदीर थैले के वेष में अमजु के पास आते है, अमजु उन दोनों को हकालने ही वाला था की तभी महाराज सूर्यकान्त बोलते है की मै राजा सुदीर का ससुर हूँ। महाराज सूर्यकान्त की आवाज सुनकर अमजु अपने आप को दोषी समझता है की क्यों वह उन दोनों को पहचान नहीं पाया, बिना समय गवाए वह उन दोनों को घर के अंदर लेता है। उन दोनों से कहता है आप ऐसे वेश में आओ ताकि भविष्य में मुझसे ऐसी भूल ना हो। फिर वो दोनों अपना वेश बदलते है और अमीर जासूस के सौ जादुई मुद्रा वापस कर देते है। तभी अमजु बोलता है कि नहीं मुझे इसकी जरूरत नहीं है , हालांकि आपको इसकी जरुरत आगे कभी भी हो सकती है। अब उनको यहां पर कोई खतरा नहीं था। अमजु राजा सुदीर और महाराज सूर्यकांत से उस भूल के लिए माफ़ी मांगता है और उनको सभी अमीर लोगों की रहने की जगह बता देता है।

वह कहता है की
मुझे अभी अभी एक नयी और बेहद काम की खबर मिली है, आपको तो पता ही होगा की उग्रराज तीन दिन बाद अपनी प्रजा को देखने उग्रदेश के मुख्य शहर में जाने वाला है लेकिन महल के एकदम पास एक घर है जो किसी को नहीं पता सिवाय आपके उन पांचो जादुई सैनिकों के। आपको कोई इस घर के बाहर देख ना सके इसलिए मै सभी अमीर आदमियों को ये बोलता हु की तीन दिन बाद कोई भी अपने घर से बाहर न निकले ।
अमजु
अब तुम दोनों मेरे बड़े से घर में कहीं भी घूम सकते हो। तभी राजा सुदीर ने अमजु से पूछा कि – क्या तुम यहाँ पर मेरे पांच जादुई वफादार सैनिकों को बुला सकते हो? अमजु ने कहा कि हाँ , जरूर।
फिर उन जादुई सैनिकों को बुलाया गया और राजा सुदीर के पास भेज दिया। वहां पर राजा सुदीर और महाराज सूर्यकांत बैठे थे। राजा सुदीर ने उनको पूछा की महल के पास तुम्हारा कोई घर है वो भी सुरक्षित ? उन्होंने कहा हां वो घर आज तक का सबसे सुरक्षित घर होगा। राजा सुदीर ने एक और प्रश्न पूछा कि वहां पर हम दोनों की रहने की जगह है ? उन्होंने कहा हाँ। तभी वहा पर राजा सुदीर के पचास वफ़ादार सैनिक आ जाते है। राजा सुदीर ने एक और प्रश्न पूछा की – क्या वहां पर इन दस लोगों के लिए भी रहने की व्यवस्था होगी ? उन्होंने फिर से हाँ कहा। राजा सुदीर ने महाराज सूर्यकान्त को बताया की हम वैसे ही उस सुरक्षित घर तक जा सकते है जैसे हम लोग यहाँ तक आये है और बाकी के सैनिक हमें सुरक्षित रखेंगे। महाराज सूर्यकान्त को ये बात पसंद आई और उन्होंने ये तय भी कर दिया की हम ऐसे ही सुरक्षित घर में जाएंगे। तय होने के बाद राजा सुदीर ने उसके चालीस सैनिकों को बताया की तुम सब महल के चारो तरफ़ फ़ैल जाओ, १७ लोग अमजु के घर एक दिन के लिए रुक जाते है। अगले दिन के सूरज की पहली किरण के साथ फिर वो अमजु के घर से निकल पड़ते है और भीड़ में ग़ायब हो जाते है। उस रात को हुई बात के मुताबिक जादुई सैनिकों के एकदम सुरक्षित घर में चले जाते है। वहा पर वो जादुई सैनिक राजा सुदीर को एक बेहद खास जानकारी देते है।
जादुई सैनिक बताता है की गोटासुर महल के ठीक ऊपर अंतरिक्ष में बहुत दूर एक तैरती हुई जमीन पर है इसलिए वह जमीन हमें नहीं दिखेगी, तभी राजा सुदीर ने एक सवाल पूछा की हम वहां तक कैसे जा सकते है ? वह पांचो एक साथ जवाब देते है – एक सटीक गेंद जैसी आकृति चाहिए और उसे महल के बीचों बीच एक जगह है वहां पर रख के उस जमीन के बारे में सोचा गया तो हम वहां तक पहुंच सकते है।

राजा सुदीर ने फिर से एक सवाल पूछा की वह चीज कहां पर है ? सभी ने एक ही उत्तर दिया, उग्रराज के कमरे में। यह सुनकर राजा सुदीर को जरा खुशी हुई और कहा की अगर हम वहाँ पर पहुँच गए तो आगे क्या होगा ? आगे हमें पता नहीं लेकिन उग्रराज ने हम जादुई सैनिको को ये बताया था की उस जमीन पर दुनिया के बहुत सारे ताकतवर जादूगर है। राजा सुदीर ने कहा की अगर वह गेंद जैसी दिखने वाली आकृति उग्रराज के कमरे में है तो चोरी करने के अलावा हमारे पास दूसरा रास्ता नहीं होगा। जादुई सैनिको ने भी कहा की चोरी करने के अलावा हमारे पास और कोई रास्ता नहीं है। हमें चोरी उग्रराज के जाने के बाद करनी पड़ेगी और २४ घंटे में उस जमीन पर पहुंचना होगा क्योकि उग्रराज २४ घंटो के अंदर अपने महल वापस आने वाला है।
अगले भाग में पढ़िए – ख़ुशी में भी एक गम
Good to read this part
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Nice
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Reblogged this on Jigyasa Institute of Learning and Development.
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Amazing! The surprising part of the story!
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Amazing! Surprising part of the story!
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Exciting to read next part..
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😊This part was interesting …….I enjoy it while reading👌……. well done Aarav👍 waiting for the next part …..
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Nice read
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